आहार कम लें
सबके बीच में मूक व् बधिर की तरह रहें ।
देखें तो अच्छा देखेँ ।-
संचित करें तो कर्म करें ।
भद्र मुंडित महात्मा को कहते हैं भक्त की पहली पहचान :-
भगवन का विधान आनंदमय , प्रिय लगे ।
गीता का सार - सब अच्छा हो रहा है ।
पहला तप - bहगवन के विधान को मंगलकारी मानो ।
राजा यति सन्यासी की तरह जीता है .
सुन्दर संदेश हैं।आभार।
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