रविवार, 20 सितंबर 2009

आचार शास्त्र से

आचार
१। सत्य
२ अहिंसा
३ अस्तेय (चोरी न करना )
४ ब्रह्मचर्य
५ अपरिग्रह (संग्रह न करना )

किसी कार्य में सफलता के लिए चाहिए :- श्रदा , ज्ञान व् क्रिया ।



भक्ति क्षमा आस्था मानवता नम्रता ज्ञान सहनशक्ति
आदर विश्वास मित्रता सत्य रूणा श्रदा दया शांति प्रेम एवम सेवा

















ह्रदय रोग के लक्षण एवम उपाय

१ पैदल चलते समय सांस फूलना
२ ह्रदय में भारीपन
३ कभी सीने में दर्द का अनुभव
४ पैदल चलते समय पसीना आना

उपाय :-
१ किसी प्राणी से घृणा द्वेष न करो
२ किसी की निंदा न करो
३ धन कारण स्वयं को ऊंचा न समझो
४ प्रभु दया का अनुभव करो
५ दुःख में भी दया अनुभव करो
६ सुख में प्रभु को भूलो मत
७ प्रभु स्वाभाव का चिन्तन व् जप अभ्यास करो

कल्याण(गीता प्रेस ) पत्रिका से उध्रत

हृदय रोग :-हृदय रोग से बचने के उपाय
१ सूर्य निकलने से पहले तीन -चार मील तेज रफ्तार से चलना
२ नशीली चीजों का सेवन ,ठंडे पेय पदार्थों का सेवन न करना
३.घी तेल ,तली छोकीं पदार्थ, नमकीन वस्तुए , पापढ़ , चिप्स ,चूरन का सेवन न करना
४ केला, खजूर, सीताफल ,गन्ना , अंगूर व् आम का सेवन न करना
५.अरबी,आलू , कच्चे केले , मूंगफली का सेवन न करना
६.मैदा या इससे बनी चीजें न खाना
७ शरीर का वज़न कम रखना , ब्लड प्रेशर नियंत्रण रखना
८ साल में दो बार ई सी जी व् लिपिड प्रोफाइल कराना
९ कम खाना.खाने में कम अन्तर , रात को जल्दी सोना , सुबह जल्दी उठना, काम में जल्दबाजी न करना , कठोर परिश्रम न करना , स्वार्थी न बनें
१० दूसरों का हित का कार्य करें
११ इन्द्रियों को भोग में नही. योग में लगायें
१२ मन-मष्तिक , चित शुभ कार्यों में लगायें
१३अंहकार का त्याग करें.