शनिवार, 6 नवंबर 2010

दीपावली, कितनी शुभ ?

आज दीपावली का शुभ पर्व है , ५ नवम्बर ,२०१० , इस समय रात्रि के १२ बजकर ४० मिनट हो गए हैं । लेकिन पटाखों की गढ़गढ़ाहत कानो में लगातार सुनायी दे रही है॥
क्या हमारी भारत की माताएं ऐसी विस्फोटक ध्वनि सुनकर आनंदित हो रहीं है, या पुत्रों को रोक नहीं पा रही हैं या
उनके इस साहसिक कार्य को देख गर्व अनुभव कर रही हैं ?
लाखों वृद्ध -जन साँस लेने में कष्ट झेल रहे होंगे । लाखों नवजात शिशु प्रदूषित वायु निगल रहे होंगे और हमारे भारत की युवा पीडी
धन को बर्बाद कर एवं ध्वनि व् वायु प्रदूषण फैला कर उल्लास मना रही है । क्या सरकार जनहित में कोई कानून पारित नहीं कर सकती ? क्या वह अपने देशवासियों की दयनीय स्थिति से अनभिज्ञ है !
आईये , आपको राजधानी दिल्ली की कुछ झलकियाँ दिखाते हैं, जहाँ हाल ही में राष्ट्रमंडल खेलों २०१० का आयोजन हुआ था ।







क्या आपके और हमारे दीपावली के दिन पटाखें जलाने से इनके जीवन में कोई सुधार आएगा ? निसंदेह नहीं, तोफिर इस अल्पकालिक प्रसन्नता हेतु स्वयं एवं भावी पीड़ी के लिए वातावरण को प्रदूषित क्यूँ करें !

शनिवार, 16 अक्तूबर 2010

दिल्ली २०१० कामनवेल्थ खेलों का समापन समारोह

यदि आप किसी कारणवश , १४ अक्टूबर ,२०१० को १९वे कामनवेल्थ खेलों का समापन -समारोह नहीं देख सके ,तोनिराश मत होईये
दूरदर्शन टी वी चैनल पर प्रसारित समापन -समारोह एवम २०१४- कामनवेल्थ खेलों का मेज़बान देश -स्काटलैंड की कुछ झलकियाँ का आनंद उठायें ,
साभार दूरदर्शन टी वी
चैनेल।






शुक्रवार, 15 अक्तूबर 2010

मेरे अम्बर की दुनिया

अम्बर की दुनिया
गौरैया, छोटी चिडिया

गौरैया तो नज़र ही नही आती है, जब से इन्तरनेत की तारो ने जाल बिछाया है.
मेरे बचपन की यादे, रोश्न्दानो मे गौरैया के घोसले, उनके अन्डे , फिर छोटी चिडिया का दिख्नना, ची-ची की आवाज़, बीथ का कापी की कवर पर गिर जाना. सब सपना सा लगता है. हमारी प्रगति ने हमसे गौरैया छीन ली. हमे बच्चो को दिखाने के लिए केवल उस का चित्र ही रह गया है.


कबूतर

दिल्ली अब कबूतरो का शहर बन गया है. एक समय था जब कबूतर प्रेम का सन्देश-वाहक होते थे. प्रेमी-प्रेमिकाये अपने पत्र इनके पैरो मे बान्ध कर उन तक पहुचाते थे. आज -मेल के युग मे , कबूतर फुर्सत मे है, अपने कबीलो के साथ खाते-पीते मौज मनाते है. मैने कबूतरो का सन्सार देखा है. आप भी देखिये.





































१९वा कामन्वेल्थ खेलो की मेज़्बान- दिल्ली

दिल्ली , भारत की राजधानी , जो १९वा कामन्वेल्थ खेलो की मेज़्बान अति सुन्दर बन गयी है. सभी देश्वासियो. से अनुरोध है कि इसे सदैव साफ़ सुथरा रख्ने . मैने १४ अकतूबर २०१० को दिल्ली का दौरा किया ,जो देखा उस की झलकिया आप भी देखिये.









बुधवार, 29 सितंबर 2010

मेरा देश महान


मेरा प्रभ उससे अधिक महान है
कोई एक पत्ता भी नहीं बना सकता एस पैड का

रविवार, 25 अप्रैल 2010

THE MOST BEAUTIFUL PROFILE


MY ELDEST SISTER IS MOST BEAUTIFUL ,EVER-SMILING , LOVING,AFFECTIONATE AND DIVINE PROFILE.

सोमवार, 19 अप्रैल 2010

आज १८ अप्रैल २०१० को , अपने घर के ड्राइंग कक्ष से जुड़े कमरे मैं वह लेटी हुई थी , दो सप्ताह अस्पताल के I.C.U. में रहने के बाद आयी थी । आँखे बंद थी , उन्हें छुया तो वह बोली थी लेकिन कठिनाई से । मेरी आँखों के सामने १ फरवरी १९८५ के क्षण आगये , जब माता जी आखिरी पलों में थी और यह उन्हें संतरे की फांक की रस निकाल कर एक एक बूँद उनके मुह में ड़ाल रही थी। अपने पति , बच्चों को छोड़ अपनी माताजी के पास ही रही कई दिनों तक।
कभी भी किसी की आलोचना नहीं करतीहैं , सकारात्मक भावनाओं से ओत -प्रोत , मातृत्व दर्शाती , हर्षित मुखिता रही हैं हमेशा।
अभी कुछ महीने पूर्व अपनी पोती की शादी me unka चित्र अगली पोस्ट में देखे

स्प्रिंग


बसंत का फूल

गुरुवार, 15 अप्रैल 2010


Spring Season

Spring is the season between winter and summer: in the Northern Hemisphere from the vernal equinox to the summer solstice; in the Southern Hemisphere from the autumnal equinox to the winter solstice।This is the time for the budding of trees, growth of plants and bloom flowers. This is the right time when you can have eternity in GOD.

सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान निषेध

सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान निषेध
ऐसा कानून बनाया गया है । इस कानून को कितना क्रियान्वन किया है आईये देखतें है।












सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान निषेध

सार्वजनिक स्थानों में धूम्रपान निषेध
ऐसा कानून बनाया गया है । इस कानून को कितना क्रियान्वन किया है आईये देखतें है।












मंगलवार, 26 जनवरी 2010

दस सूत्र

1. कम बोलें
2. धीरे बोलें
3. मीठा बोलें
4. थोडा खाएं
5. थोडा सोयें
6. थोडा बोले

7. स्वयं का निरीक्षण करें
8. स्वयं को निहारें
9. स्वयं से बात करें
10. स्वयं को सुधारें


(क्षमा कीजीये उपरोक्त सूत्र मैंने स्वयं के लिए लिखे हैं )

दस सूत्र

1. कम बोलें
2. धीरे बोलें
3. मीठा बोलें
4. थोडा खाएं
5. थोडा सोयें
6. थोडा बोले

7. स्वयं का निरीक्षण करें
8. स्वयं को निहारें
9. स्वयं से बात करें
10. स्वयं को सुधारें


(क्षमा कीजीये उपरोक्त सूत्र मैंने स्वयं के लिए लिखे हैं )