Trinitytrilochan
शुक्रवार, 4 जुलाई 2008
े वास्ता क्या है
मेरे गीतों से उसे क्या तालुक ,
मेरे ग़मों से वास्ता क्या है
उसे तो मिल गयी अपनी manzil,
खबर क्यों हो , ये रास्ता क्या है ----------
1 टिप्पणी:
परमजीत सिँह बाली
5 फ़रवरी 2009 को 1:56 pm बजे
बहुत सुन्दर मुक्तक है।बधाई।
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बहुत सुन्दर मुक्तक है।बधाई।
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