मेरा मुझ मैं कुछ नहीं भाग -१
जो भी लिखा है इसमें मेरा कुछ नहीं , बस कुछ मुक्ता-कण संतों- महात्माओं के प्रवचन से मिले हैं , शेयर कर रही हूँ।
चैतन्य कौन है ?चैतन्य वह है जो प्रमाद -रहित है।-
सबसे बड़ी शक्ति उस व्यक्ति के हाथ में है , जिसमे है एकाग्रता।
एकाग्रता वह विभूति है जिसके बिना आप महान नहीं बन सकते।
यदि आप बड़े नहीं बन सके तो आप के पास है प्रमाद। अपने वैरी गिनने लगें तो एक ही है वह -प्रमाद। प्रमाद,आलस्य आता है अज्ञानता से और पतन का मूल कारण भी यही है।
क्रमशः
जो भी लिखा है इसमें मेरा कुछ नहीं , बस कुछ मुक्ता-कण संतों- महात्माओं के प्रवचन से मिले हैं , शेयर कर रही हूँ।
चैतन्य कौन है ?चैतन्य वह है जो प्रमाद -रहित है।-
सबसे बड़ी शक्ति उस व्यक्ति के हाथ में है , जिसमे है एकाग्रता।
एकाग्रता वह विभूति है जिसके बिना आप महान नहीं बन सकते।
यदि आप बड़े नहीं बन सके तो आप के पास है प्रमाद। अपने वैरी गिनने लगें तो एक ही है वह -प्रमाद। प्रमाद,आलस्य आता है अज्ञानता से और पतन का मूल कारण भी यही है।
क्रमशः