यदि आप किसी कारणवश , १४ अक्टूबर ,२०१० को १९वे कामनवेल्थ खेलों का समापन -समारोह नहीं देख सके ,तोनिराश मत होईये ।
दूरदर्शन टी वी चैनल पर प्रसारित समापन -समारोह एवम २०१४- कामनवेल्थ खेलों का मेज़बान देश -स्काटलैंड की कुछ झलकियाँ का आनंद उठायें ,
साभार दूरदर्शन टी वीचैनेल।
शनिवार, 16 अक्टूबर 2010
शुक्रवार, 15 अक्टूबर 2010
मेरे अम्बर की दुनिया
अम्बर की दुनिया
गौरैया, छोटी चिडिया
गौरैया तो नज़र ही नही आती है, जब से इन्तरनेत की तारो ने जाल बिछाया है.
मेरे बचपन की यादे, रोश्न्दानो मे गौरैया के घोसले, उनके अन्डे , फिर छोटी चिडिया का दिख्नना, ची-ची की आवाज़, बीथ का कापी की कवर पर गिर जाना. सब सपना सा लगता है. हमारी प्रगति ने हमसे गौरैया छीन ली. हमे बच्चो को दिखाने के लिए केवल उस का चित्र ही रह गया है.
कबूतर
दिल्ली अब कबूतरो का शहर बन गया है. एक समय था जब कबूतर प्रेम का सन्देश-वाहक होते थे. प्रेमी-प्रेमिकाये अपने पत्र इनके पैरो मे बान्ध कर उन तक पहुचाते थे. आज इ-मेल के युग मे , कबूतर फुर्सत मे है, अपने कबीलो के साथ खाते-पीते मौज मनाते है. मैने कबूतरो का सन्सार देखा है. आप भी देखिये.
गौरैया, छोटी चिडिया
गौरैया तो नज़र ही नही आती है, जब से इन्तरनेत की तारो ने जाल बिछाया है.
मेरे बचपन की यादे, रोश्न्दानो मे गौरैया के घोसले, उनके अन्डे , फिर छोटी चिडिया का दिख्नना, ची-ची की आवाज़, बीथ का कापी की कवर पर गिर जाना. सब सपना सा लगता है. हमारी प्रगति ने हमसे गौरैया छीन ली. हमे बच्चो को दिखाने के लिए केवल उस का चित्र ही रह गया है.
कबूतर
दिल्ली अब कबूतरो का शहर बन गया है. एक समय था जब कबूतर प्रेम का सन्देश-वाहक होते थे. प्रेमी-प्रेमिकाये अपने पत्र इनके पैरो मे बान्ध कर उन तक पहुचाते थे. आज इ-मेल के युग मे , कबूतर फुर्सत मे है, अपने कबीलो के साथ खाते-पीते मौज मनाते है. मैने कबूतरो का सन्सार देखा है. आप भी देखिये.
१९वा कामन्वेल्थ खेलो की मेज़्बान- दिल्ली
दिल्ली , भारत की राजधानी , जो १९वा कामन्वेल्थ खेलो की मेज़्बान अति सुन्दर बन गयी है. सभी देश्वासियो. से अनुरोध है कि इसे सदैव साफ़ सुथरा रख्ने . मैने १४ अकतूबर २०१० को दिल्ली का दौरा किया ,जो देखा उस की झलकिया आप भी देखिये.
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