मंगलवार, 22 दिसंबर 2009

अनमोल वचन

धर्मं :-
भक्ति, सेवा ,प्रेम , आचरण की पवित्रता , परोपकार , त्याग ,संतोष व् सच्चाई धर्म के आधारभूत तत्त्व हैं ।
घर :-
घर कितनी कोमल , पवित्र , मनोहर स्मृतियों को जाग्रत कर देता है । यह प्रेम का निवास स्थान है । प्रेम ने बहुत तपस्या करके यह वरदान पाया है.---मुंशी प्रेमचंद

संगीत


भक्ति की सम्पूर्ण प्रक्रिया , विविध रूपों व् तत्वों के अध्ययन से स्पष्ट क़ि संगीत ही इस परंपरा का विशेष अंग रहा है । भक्ति मार्ग में श्रेष्ठ मानी जाने वाली नवदा भक्ति को नवीन सन्दर्भ प्रदान किये गए हैं ।




  1. श्रवण


  2. कीर्तन


  3. स्मरण


  4. पद सेवा


  5. अर्चना


  6. दासत्व भाव


  7. मैत्री भाव


  8. आत्म निवेदन

सोमवार, 21 दिसंबर 2009

"Music expresses that which cannot be said and on which it is impossible to be silent."
By VICTOR HUGO


Music is an expression that has the capacity to influence man, it can move a group , a country and even the world

संगीत


संगीत :-

संगीत तनावमुक्त जीने की कला संगीत से आती है । संगीत से प्यार बढ़ता है ,दूरियां समाप्त होती हैं । हर क्षण उत्सव नज़र आता है । जिन्दगी में तनाव , चिंताएं , मुश्किलें सभी हैं, मगर संगीतमय होने से इन सब का समाधान निकल आएगा । जैसे सुर और ताल का संबध है उसी प्रकार संगीत और प्रेम का संबध है। यह सभी धर्मों , वर्णों को जोढ़ता है और मनुष्य को प्रकृति व् ईश्वर के करीब ले जाता है।

बुधवार, 16 दिसंबर 2009

आहार कम लें
सबके बीच में मूक व् बधिर की तरह रहें ।
देखें तो अच्छा देखेँ ।-
संचित करें तो कर्म करें ।
भद्र मुंडित महात्मा को कहते हैं भक्त की पहली पहचान :-
भगवन का विधान आनंदमय , प्रिय लगे ।
गीता का सार - सब अच्छा हो रहा है ।
पहला तप - bहगवन के विधान को मंगलकारी मानो ।
राजा यति सन्यासी की तरह जीता है .

दिव्य गुण

१.अन्तर्मुखता
२.निर्भयता
३.नम्रता
४.सहनशीलता
५.पवित्रता
६.धैर्यता
७.मधुरता
८.हर्शित्मुखता