सोमवार, 14 जुलाई 2014


ਮੇਰੇ ਪਾਪਾਜੀ
मेरे पिताजी

नर हो न निराश करो मन को



आओ हम, क्षितिज के उस पार से भी झाँकने न दें ,  निराशा को
 जीवन में प्रतिकूल परिस्थितियां  तो  निश्चित ही आएँगी 
 हम  जहाँ भी हैं  ,  अपना  स्थान  क्यों  छोड़ें ?
 केवल अपने स्थान पर ही हीरा कहलाता है दांत
और उसके बाद…………
प्रतिकूलता की स्थिति में हम क्योंकर  करें पलायन 
 उचित होगा यदि 
इनके  मध्य ही रहकर उदासीन हो जाएँ 

और प्रतिकूलता सह न पाएगी उपेक्षा 
आत्मग्लानि में स्वयं ही अस्तित्वहीन हो जाएगी।


मंगलवार, 1 जुलाई 2014

लोधी गार्डन , बेबी नोनी और मैं

जून  हालाँकि गर्मी का महीना है , पर प्रभु ने हमारे लिए मौसम कुछ सुहाना बना दिया ताकि हम यानि कि बेबी  नोनी  और मैं लोधी गार्डन   के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद उठा सके.आइए यह वीडियो देखिये और बताइए  कैसी लगी।